पड़े की अब मैं

भूत-प्रेतों की लीला भी अपरम्पार होती है। कभी-कभी ये बहुत ही सज्जनता से पेश आते हैं तो कभी-कभी इनका उग्र रूप अच्छे-अच्छों की धोती गीली कर दे...
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पड़े की अब मैं पड़े की अब मैं Reviewed by Arvind RDX on 02:58 Rating: 5

कॉलेज के बाहर

मै हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी में ऑपरेटर का काम करता हु | मेरा घर कंपनी से 10 किमी दूर है | मेरे पास एक बाइक जिससे मै अपना घर से कम्पनी और क...
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कॉलेज के बाहर कॉलेज के बाहर Reviewed by Arvind RDX on 02:56 Rating: 5
समय था घना कोहरा छाया था | दादाजी समय था घना कोहरा छाया था | दादाजी Reviewed by Arvind RDX on 02:55 Rating: 5

कहानी सुनाई थी

डा. एकेबी सिन्हा ने एकबार बक्सर से आरा आने के दौरान प्रेतों से साक्षात्कार से संबंधित एक आपबीती कहानी सुनाई थी. उन दिनों वे छपरा सदर अस्...
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कहानी सुनाई थी कहानी सुनाई थी Reviewed by Arvind RDX on 02:52 Rating: 5
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