कॉलेज के बाहर

मै हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी में ऑपरेटर का काम करता हु | मेरा घर कंपनी से 10 किमी दूर है | मेरे पास एक बाइक जिससे मै अपना घर से कम्पनी और कम्पनी से घर का सफर पूरा करता हु |



एक दिन ऑफिस से घर जा रहा था तो रास्ते में मुझे मेरे कॉलेज [जिसमें मैंने अपनी ग्रेजुएशन पुरी की थी ] के बाहर एक लडकी दिखाई दी, जो मुझे देखकर मुस्करा रही थी | मैंने उसे टालते हुए मै घर की ओर निकल पड़ा | दुसरे दिन फिर वोही लडकी मुझे उसी जगह पर दिखाई दी | वो भी मुस्करा रही थी और मै भी मुस्कुराता हुआ निकल पड़ा | मूझे उसकी प्यारी से मुस्कान से प्यार हो गया था लेकिन कभी रुकने की कोशिश नहीं की | वो लडकी कई दिनों तक मुझे दिखी और एक दिन वो मुझे वहा नहीं दिखाई दी | मै बैचैन हो गया लेकिन मै उसके बारे में कुछ नहीं जानता था उअर ना कभी बात की थी इसलिए उसका पता भी नहीं लगा सकता था | मई कई दिनों तक उस लडकी के नहीं दिखने से बैचेन रहा | कई बार तो मै कम्पनी से जल्दी निकलकर उसका इन्तेजार भी करता पर वो मुझे नहीं दिखी |

एक दिन मेरे मोबाइल पर किसी अनजाने नंबर से फ़ोन आया | मैंने फ़ोन उठाया तो एक लडकी बोली | उसने मेरा नाम पूछा और वो मुझसे बात करने लगी और बताया कि मै वही लडकी हु जिसे तुम रोज़ बाइक से गुजरते हुए देखा करते थे | मै अचम्भित रह गया कि इसके पास मेरा नंबर कैसे आया और ये मेरसे क्यों बात कर रही है | लेकिन उसकी मीठी बातो में इतना खो गया कि ये सब बाते भूल गया |

एक दिन उसने मुझे कॉलेज के बाहर मिलने के लिए बुलाया | मै और मेरा दोस्त हम दोनों बाइक पर उससे मिलने को गये क्यूंकि कभी मै लडकी से अकेले नहीं मिला था तो घबरा रहा था | मै और मेरा दोस्त जैसे ही कॉलेज के बाहर पहुचे तो वहा वो लडकी कही पर भी दिखाई नहीं दी | मैंने काफी फ़ोन लगाया लेकिन फ़ोन स्विच ऑफ था |मै घर लौट गया उर घर में घुसते ही उसका फोन आया तो मैंने गुस्से से कहा कि हम वहा पर आपका इंतजार कर रहे थे आप क्यों नहीं आयी | तो उसने कहा कि “तुम अपने दोस्त को क्यों साथ लेकर आये थे मुझसे अकेले मिलने आना “| मैंने कहा ठीक है |

अगले दिन सुबह सुबह मैंने उसके फ़ोन लगाया लेकिन उसकी मम्मी ने फ़ोन उठा लिया | मै एक बार तो डर गया लेकिन कॉलेज के प्रोजेक्ट का बहाना कर उससे बात करने को उसकी मम्मी से कहा | उसकी मम्मी ने कहा “पागल हो गये हो क्या प्रिया को मरे तो तीन महीने हो चुके है “| मै हक्का बक्का रह गया और मेरे हाथ से मोबाइल छुट गया और मै बुरी तरह कांपने लगा | मैने सोचा कि जिस लडकी को देख रहा था और जिससे मै बात कर रहा था वो एक आत्मा थी | मुझे फिर भी विश्वास नहीं आया
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मैंने अगले दिन फिर प्रिया की मम्मी के फ़ोन लगाकर सारी घटना सुनाई तो उन्होंने कहा “मेरी बात पर यकीन ना हो तो मेरे घर आकर देख लो “| मैं प्रिया के घर गया तो प्रिया के फोटो पर माला लगी थी | उसकी माँ ये घटना सुनकर भावुक गो गयी लेकिन उस दिन से मैंने अपनी वो सिम निकालकर फेंक दी और नए नंबर ले लिए और फिर कभी फोन नहीं आया | लेकिन आज भी मै अनजान नंबर से अक्सर सहम जाता हु | मित्रो अगर आपको मेरी आप बीती पसंद आये तो शेयर जरुर करे | ये कहानी मै प्रिया को समर्पित करता हु और IGS को धन्यवाद देता हु कि उन्होंने मेरी आप बीती को आप लोगो तक पहुचाया |
कॉलेज के बाहर कॉलेज के बाहर Reviewed by Arvind RDX on 02:56 Rating: 5

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